दोस्तों स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस में कैंडलेस्टिक का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि कैंडलेस्टिक के साथ हम और टेक्निकल एनालिसिस को मिलाकर ट्रेंड बदलने से पहले यह पता लगा सकते हैं की मार्केट किस डायरेक्शन में जाएगा.
टेक्निकल एनालिसिस में कई प्रकार के कैंडलेस्टिक पेटर्न होते हैं जिनमें से एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न है।
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न क्या होता है, इसे हम ट्रेडिंग के दौरान चार्ट पर कैसे पहचाने एवं इसके अंदर हमें किस प्रकार से ट्रेड लेना चाहिए, और इसमें हमें ट्रेडिंग के दौरान किन-किन बातों का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होता है, तथा टारगेट वह स्टॉपलॉस हमें कैसे और कहां पर लगाना चाहिए.
बुलिश इंगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न, Bullish Engulfing pattern
यह पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बना होता है, इसमें फर्स्ट कैंडल लाल होता है और सेकंड कैंडल हरा होता है, तथा फर्स्ट कैंडल का रियल बॉडी सेकंड कैंडल के रियल बॉडी के अंदर होना चाहिए।
दोनों कैंडल की ऐसी बनावट से लगता है जैसे फर्स्ट कैंडल (बुलिश कैंडल) को सेकंड कैंडल (बेयरिश कैंडल) ने पूरी तरह इंगल्फिंग यानी निगल लिया है।
और इसी वजह से इसे बुलिश इंगल्फिंग पेटर्न कहते हैं।
बुलिश इंगल्फिंग कैंडल की रियल बॉडी विक साइज और पोजीशन के हिसाब से अलग-अलग तरह से दिखती है। जैसा कि आप इस नीचे दी गई ईमेज में देख सकते हैं।
यह कैंडलेस्टिक ऊपर दी गई इमेज में से कोई भी फॉर्मेशन बनाए लेकिन सभी में यह तीन चीजों का होना बहुत जरूरी है।
1. फर्स्ट कैंडल लाल होना चाहिए।
2. सेकंड कैंडल हरा होना चाहिए।
3. फर्स्ट कैंडल की रियल बॉडी को सेकंड कैंडल का रियल बॉडी पूरी तरह इंगल्फ यानी कवर करना चाहिए।
अगर यह पेटर्न आपको साइडवेज मार्केट या अप ट्रेंड के टॉप पर दिखाई देता है, तो उसका कोई महत्व नहीं होता, इस कैंडलस्टिक पेटर्न को बनने के लिए पिछली कुछ कैंडल्स डाउन ट्रेंड में होनी चाहिए तभी इस फॉर्मेशन को करेक्ट माना जाएगा।
यह एक ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न है जो मार्केट में मंदी खत्म होने का और तेजी के शुरू होने का संकेत देता है, यानी यह एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है।
बुलिश इंगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड Strt करें ?
मान लेते हैं कि आप एक ऐसे स्टॉक को देख रहे हैं, जो पिछले कुछ समय से लगातार डाउन ट्रेड में चल रहा है, और अब उसमें एक बुलिश इंगल्फिंग कैंडल की फॉर्मेशन होती है.
अब कैंडलस्टिक के बनते ही आपको जल्दबाजी में डायरेक्ट ट्रेड नहीं लेना है, पहले यह नीचे दिए गए कुछ पॉइंट्स हैं, जिन्हें देखकर अपने ट्रेड की सही कंफर्मेशन करेंगे और उसके बाद में ही एंट्री बनाएंगे।
1. इसमें सबसे पहले आपको यह देखना है कि इस कैंडल को बनने से पहले मार्केट डाउन ट्रेंड में होना चाहिए।
2. इस पैटर्न की पहली लाल कैंडल का लॉ उसके पिछले तीन कैंडल के लॉ से नीचे होना चाहिए, इस पैटर्न की दूसरा कैंडल यानी हरा कैंडल का ओपन और क्लोजिंग का डिफरेंस कम से कम 3% होना चाहिए।
3. इस पैटर्न में सेकंड कैंडल का हाई फर्स्ट कैंडल के हाई से ऊपर होना चाहिए।
4. सेकंड कैंडल का वॉल्यूम फर्स्ट कैंडल के वॉल्यूम से अधिक होना चाहिए।
5. और लास्ट में आपको यह देखना है कि यह जो कैंडल बना है वह क्या कोई सपोर्ट एरिया में बना है।
अगर आपने इन सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखते हुए अपने ट्रेड को कंफर्म कर लिया है, तो अब आपकी एंट्री इस पैटर्न के क्लोजिंग होने के आसपास मतलब की बुलिश इंगल्फिंग की जो लास्ट कैंडल है, उसके क्लोज होने के बाद आप इस ट्रेड में अपनी पोजीशन बना सकते हैं।
इस कैंडलेस्टिक में आपको नेक्स्ट कैंडल की कन्फर्मेशन की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि हमने पहले ही हाई एक्यूरेसी वाले पॉइंट्स को देखकर अपने ट्रेड को कंफर्म कर लिया है।
स्टॉपलॉस और टारगेट
इस ट्रेड में आप बुलिश इंगल्फिंग कैंडलस्टिक की दोनों कैंडल्स में से जिस भी कैंडल का लो सबसे नीचे है उस कैंडल का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं।
इस प्रकार के ट्रेड में वैसे तो टारगेट सिचुएशन के ऊपर डिपेंड करता है, लेकिन आप नेक्स्ट रेजिस्टेंस एरिया या रिवर्सल का संकेत जहां पर भी दिख जाए वहां से आप अपने ट्रेड को एग्जिट कर सकते हैं।
अगर आप टारगेट पहले से ही सेट करना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे सेफ होगा कि 1:1 का टारगेट रख लीजिए मतलब कि अगर आपका स्टॉपलॉस 10 पॉइंट का हो रहा है तो आप 10 पॉइंट का ही टारगेट रख लीजिए।
बुलिश इंगल्फिंग कैंडलस्टिक के लिए कुछ आपको मेरी पर्सनल टिप्स ?
1. दोस्तों कोई भी कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न मार्केट में 100% काम नहीं करता इसलिए आप मार्केट में अपने ट्रेड को मल्टीप्ल लेवल से कंफर्म करके ही ट्रेड में एंट्री बनाएं।
2. आपको कभी भी किसी से टिप्स लेकर ट्रेड नहीं करना चाहिए, पहले आपको खुद से सीखना है, और उसके बाद में ट्रेड करना है।
निष्कर्ष
दोस्तों बुलिश इंगल्फिंग कैंडलस्टिक पेटर्न एक दो कैंडल से मिलकर बना हुआ कैंडलेस्टिक सिगनल है, जिसमें पहली कैंडल लाल और दूसरी कैंडल ग्रीन होती है।
दूसरी कैंडल पहली कैंडल को पूरी तरह इंगल्फ यानी कवर कर लेती है, यह कैंडलस्टिक पेटर्न लगातार चल रहे डाउन ट्रेंड को अप ट्रेंड में बदलने का संकेत देता है।
यानी की मंदी को खत्म करके तेजी आने का संकेत देता है.