दोस्तों आज के ईस आर्टिकल में हम हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न को विस्तार से समझेंगे तथा हम जानेंगे कि इस पैटर्न में हमें कब ट्रेड लेना चाहिए, और ट्रेड लेते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ओर इस हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न मे हमारा टारगेट कितना होना चाइए।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न का मतलब क्या होता है ?
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न को चार्ट पेटर्न में देखने पर आदमी के सर और कंधों की तरह दिखाई देता है इसलिए इसे हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न बोलते हैं, हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न को थ्री बुद्धा चार्ट पेटर्न भी बोलते हैं। इसे सबसे विश्वसनीय चार्ट पैटर्न में से एक माना जाता है और इसकी पहचान तीन शिखरों से होती है।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न की पहचान कैसे करें ?
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह किस व्यक्ति के सर और कंधों की तरह दिखाई देता है, इस चार्ट पेटर्न में प्राइस 3 टॉप क्रिएट करता है जिसमें फर्स्ट और थर्ड टॉप सेकंड टॉप से नीचे होते हैं। जिन्हें शोल्डर कहते हैं और सेकंड टॉप को हेड बोलते हैं।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न के निर्माण ?
तो चलिए दोस्तों अब हम समझते हैं कि हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न कैसे बनता है और इसके बनते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
लेफ्ट शोल्डर:
दोस्तों हम बाजार में देखते हैं कि लंबा तेजी का ट्रेंड चल रहा है, और हेड एंड शोल्डर के बनने में यह आवश्यक है की पिछला ट्रेंड तेजी का ट्रेंड हो यह तेजी का ट्रेंड ऊपर की ओर बढ़ते हुए एक रजिस्टेंस लेकर नीचे की ओर आ जाता है लेकिन यह गिरावट तेजी के ट्रेंड को बरकरार रखते हुए पास में ही एक सपोर्ट बना लेती है और वहीं पर रुक जाती है इस प्रकार से चार्ट पेटर्न का पहला शोल्डर तैयार हो जाता है जिसे लेफ्ट शोल्डर कहते हैं।
मिडल सिर:
इसके बाद प्राइस वापस ऊपर की दिशा में जाता है और पहले शोल्डर के हाई के ऊपर निकल जाता है, और बढ़ते हुए सबसे ऊपरि स्तर पर एक रजिस्टेंस लेकर वापस नीचे की ओर आ जाता है, यह गिरावट पहले वाले शोल्डर के हाई के नीचे तक आना चाहिए यह बहुत जरूरी है, इसके बाद यह गिरावट एक सपोर्ट बनाकर रुक जाती है यह सपोर्ट पहले वाले सपोर्ट की तुलना में उसके बराबर या थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है लेकिन यह सपोर्ट पहले वाले सपोर्ट के बराबर या उससे ऊपर हो तो हमारे लिए बहुत अच्छी बात होगी क्योंकि इससे हेड एंड शोल्डर की एक्यूरेसी बढ़ जाएगी इस प्रकार से इस पैटर्न के सिर की रचना होती है।
राइट शोल्डर
स वापस ऊपर की दिशा में जाने लगता है और लेफ्ट शोल्डर के बराबर या उसके ऊपर नीचे एक रजिस्टेंस लेकर वापस नीचे की ओर आने लगता है और इस बार यह गिरावट बहुत तेज होती है यह गिरावट तेजी के ट्रेंड को एक तरह से खत्म हि कर देती है इस प्रकार से दूसरा शोल्डर भी बनकर तैयार हो जाता है इसे राइट शोल्डर कहते हैं।
अब यहां पर आप एक बात का ध्यान रखें कि दोनों सोल्डर तुलना में एक दूसरे से ऊपर नीचे हो सकते हैं कभी लेफ्ट शोल्डर ऊपर हो सकता है तो कभी राइट शोल्डर लेकिन हेड कभी भी दोनों सोल्डरों की तुलना में नीचे नहीं हो सकता हेड हमेशा दोनों सोल्डरों की तुलना में ऊपर ही रहेगा।
पुष्टि के लिए वॉल्यूम भी देखें-
हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न की पुष्टि के लिए वॉल्यूम का बहुत बड़ा योगदान है, अक्सर लेफ्ट शोल्डर में वॉल्यूम हेड और राइट शोल्डर की तुलना में अधिक होता है और हेड और राइट शोल्डर में वॉल्यूम कम होता है लेकिन जब प्राइस राइट शोल्डर बनाने के बाद नीचे आने लगता है तो वॉल्यूम भी धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।
दोस्तों एक हेड और एक शोल्डर के बीच कम से कम 7 से 8 कैंडल का गैप तो होना ही चाहिए और अगर गैप इससे कम है तो उसे एक वैलिड हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न नहीं माना जायेगा।
हेड एंड शोल्डर पैटर्न में बिकवाली कैसे करें ?
दोस्तों अगर आप साथ में हेड एंड शोल्डर पैटर्न को देख रहे हैं तो आपको इसमें बिकवाली करने के लिए सबसे पहले दोनों शोल्डर के बीच में जो सपोर्ट है उन दोनों सपोर्ट के लॉ को टच करते हुए एक ट्रेंड लाइन खींचना होगा इस ट्रेंड लाइन को हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न के साथ नेकलाइन बोलते हैं
आपको इसमें भी बिकवाली करने के लिए सबसे पहले यह देखना है कि जब प्राइस राइट शोल्डर बनाने के बाद कोई कैंडल नेकलाइन के नीचे क्लोजिंग दे-दे तो हमें उसके बाद वाली कैंडल में बिकवाली करनी है. और बिकवाली करने के बाद जिस कैंडल ने नेकलाइन के नीचे क्लोजिंग दी है, उसके हाई का स्टॉपलॉस लगाना है।
इसी बीच आपको ट्रेड लेने से पहले आपको एक बात का और ध्यान रखना बहुत जरूरी है, कि आपके बिहकवाली करने के पोईटं से लेकर स्टॉपलॉस के बिच का जो डिफरेंस है, वह रिस्क रिवॉर्ड के 2% के नियम के अनुसार ही होना चाहिए, तभी आपको ट्रेड लेना चाहिए अगर रिस्क डिफरेंस रिस्क रिवॉर्ड के 2% के नियम के अनुसार नहीं है तो आपको ट्रेड नहीं लेना चाहिए और ट्रेड लेने के बाद आपको ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग करना है।
हेड एंड शोल्डर में प्रॉफिट बुकिंग कहां करें ?
अब इसमें आखिरी बिंदु यह है कि हमें प्रॉफिट बुक कहां करना है, प्रॉफिट बुक करने के लिए आपको यह देखना है, कि जहां पर प्राइस पहला सपोर्ट बनाती है, इसे हम नाम देते हैं बिंदु A और जहां पर हेड बनता है इसे नाम देते हैं पॉइंट B अब राइट शोल्डर बनने के बाद जब प्राइस नेकलाइन के नीचे जाती है तो पॉइंट A और पॉइंट B का जो डिफरेंस है वह नीचे की ओर हमारा टारगेट होगा।
मान लो कि अगर पॉइंट A और पॉइंट B के बीच डिफरेंट 10 पॉइंट का है तो हमारा भी नेकलाइन के नीचे 10 पॉइंट का टारगेट होगा और जब प्राइस 10 पॉइंट नीचे तक पहुंच जाए तो हमें तुरंत प्रॉफिट बुक करना चाहिए।